पति – पत्नी को दे दिया गया आवास का लाभ।
भुगतान पूर्ण ,बावजूद नहीं बन सका है आवास।
कार्रवाई के नाम पर केवल नोटिस भेजता है प्रखंड।
पूर्वी चम्पारण कोटवा(लोकल पब्लिक न्यूज़) : विभाग के लगातार प्रयास के बावजूद कोटवा प्रखंड में आवास योजना में गड़बड़ी दूर नहीं हो पा रही है। यहां सैकड़ों परिवार एक अदद आवास के लिए टकटकी लगाए बैठे हैं, और कई परिवार को दो – दो आवास का लाभ दे दिया गया है। इस तरह का मामला प्रखंड के बड़हरवा कला पश्चिमी पंचायत में सामने आया है। अनिता देवी पति रूपलाल राय को आवास आवंटन तो वर्ष 2011_12 में की गई, जबकी भूगतान पुरा अलग अलग वर्ष 2014 और 2015 में किया गया। उपनाम में हेरा फेरी (राय __ _यादव) कर डब्बल आवास का लाभ दे दिया गया। पुनः उक्त पंचायत में पहले पति को आवास दे दिया गया, और कुछ वर्ष बीतने के बाद पति के उपनाम में हेराफेरी कर पत्नी को भी आवास का लाभ दे दिया गया। उक्त पंचायत के बिरेंद्र राय को वर्ष 2011 में आवास आवंटित किया गया था। उस वक्त आवास के लिए 45 हजार भुगतान करने का प्रावधान था। इस व्यक्ति को वर्ष 2015 में फाइनल भुगतान कर दिया गया। वही 2022 में पत्नी रंभा देवी को आवास आवंटित किया गया। जिसमें पति का नाम बिरेंद्र राय के जगह यादव बना कर आवास का आवंटन किया गया। फाइनल भुगतान भी 2022 में ही कर दिया गया। इतनी जल्दी फाइनल भुगतान करने कारण बताया जाता है कि पूर्व के ही घर को दिखा कर पूर्ण भुगतान कर दिया गया। इसके लिए स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रखंड कर्मियों को जिम्मेवार बताया जा रहा है जो अपने फायदे के लिए एक ही परिवार में दो – दो आवास का आवंटन करा रहे हैं। बताया जाता है कि गहन जांच हो तो इस प्रकार का दर्जनों मामला उक्त पंचायत सहित कई अन्य पंचायतों में सामने निकल कर आ सकता है। वही दूसरी तरफ कई पंचायतों के सैकड़ों लाभुक आवास का किस्त उठाकर घर का निर्माण नहीं करा सके हैं। कई लाभुक तो सेटिंग के तहत दो – दो किस्त का भुगतान उठा चुके हैं लेकिन निर्माण शुरू भी नहीं हो पाया है। वैसे लाभुकों एवं भुगतान कराने वाले कर्मियों पर प्रखंड कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहा है जो एक अलग जांच का विषय है। विभाग या जिला जब इस मामले पर कड़ाई करता है तो प्रखंड द्वारा लाभुकों पर केवल नोटिस भर निर्गत कर अपनी जिम्मेवारी पूर्ण मान ली जाती है। इस प्रकार का मामला बड़हरवा कला पश्चिमी पंचायत में सामने आया है जहां वर्ष 2022 में कशीना खातून को आवास का आवंटन किया गया तथा 2023 में भुगतान भी कर दिया गया लेकिन आज तक आवास बना ही नहीं। बताया जाता है कि आवास निर्माण के लिए लाभुक के जिस जमीन का फेंक प्रतिवेदन दिया गया था। लाभुक पंचायत भवन के जमीन में झोपड़ी बना कर रहती हैं। इसको लेकर पूर्व में ग्रामीणों द्वारा अंचल को आवेदन दिया गया था। आवेदन के आधार पर जांच करा कर तत्कालीन सीओ द्वारा पंचायत भवन के जमीन को खाली कराया गया था लेकिन वर्तमान समय में पूर्व की स्थिति बहाल हो गई है। इस संबंध में बीडीओ सरीना आजाद ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। इसकी जांच कराई जा रही है। दोषी पाए जाने वालों पर उचित कार्रवाई की जायेगी।