बिहार/पूर्वी चंपारण: राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर मोतिहारी डॉ राधाकृष्णन भवन सभागार में आयोजित एक दिवसीय संगोष्ठी में पत्रकारिता के बदलते स्वरूप पर गहन चर्चा हुई। जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल, पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात और अन्य गणमान्य लोगों की उपस्थिति में आयोजित इस कार्यक्रम में जिले के पत्रकारों, प्रशासनिक अधिकारियों और छात्रों ने भाग लिया।
संगोष्ठी में पत्रकारिता को संवैधानिक दर्जा देने, मीडिया की स्वतंत्रता और जिम्मेदारी, सोशल मीडिया का प्रभाव और पत्रकारों की भूमिका जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ। जिलाधिकारी ने पत्रकारों को समाज की आवाज होने के लिए प्रेरित किया और मीडिया की भूमिका को प्रशासन के लिए एक महत्वपूर्ण साझेदार बताया। उन्होंने मोमेंटो की जगह पुस्तकें भेंट करने की नई परंपरा शुरू करने का सुझाव भी दिया।
पुलिस अधीक्षक ने पत्रकारों से सही सूचनाओं को प्रसारित करने का आग्रह किया और कहा कि प्रशासन और पत्रकार दोनों जनता के हित में ही कार्य करते हैं। वरिष्ठ पत्रकार चंद्रभूषण पांडे ने मीडिया में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और सच्चाई की खोज की महत्ता पर जोर दिया।
संगोष्ठी में उपस्थित सभी ने पत्रकारिता के सकारात्मक पक्ष को बढ़ावा देने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का संकल्प लिया। इस अवसर पर पौधा भेंट करने की परंपरा को बढ़ावा देने की भी अपील की गई।
पत्रकारिता केवल सूचना देने का माध्यम ही नहीं है बल्कि यह समाज में बदलाव लाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। समाचार पत्रकारों को उनके काम के महत्व को समझने और समाज के लिए अधिक जिम्मेदार बनने के लिए प्रेरित करता है।