सीतामढ़ी से नवनिर्वाचित जदयू सांसद देवेश चंद्र ठाकुर लोकसभा चुनाव में यादव-मुसलमान से कम वोट मिलने से खफा हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह अब यादव और मुस्लिम समाज के उन लोगों का व्यक्तिगत रूप से कोई काम नहीं करेंगे जिन्होंने उनको वोट नहीं दिया। सांसद के इस बयान पर पूरे बिहार में सियासी हलचल हो गई है। अब राजद ने JDU सांसद पर पलटवार किया है।
बाजपट्टी के राजद विधायक मुकेश कुमार यादव ने कहा- अहंकारी नेता के पास मत जाइए।
सांसद देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा- मुस्लिम और यादव का काम नहीं करूंगा।
Thakur Statement नवनिर्वाचित सांसद देवेश चंद्र ठाकुर के यादव-मुस्लिम समाज के बारे में दिए गए बयान पर बाजपट्टी के राजद विधायक मुकेश कुमार यादव ने पलटवार किया है।
राजद विधायक मुकेश कुमार यादव ने कहा है कि सामाजिक सद्भाव को कायम रखने वाले, संविधान के प्रति आस्था रखने वाले तमाम विकास और अमन पसंद सीतामढ़ी जिलेवासियों को किसी सामंती विचारधारा वाले और अहंकारी नेता के पास जाने की कोई जरूरत नहीं है।
बिहार ही नहीं पूरे देश में…’
उन्होंने आगे कहा कि बिहार ही नहीं पूरे देश में गरीब, वंचितों, अल्पसंख्यकों के मसीहा लालू प्रसाद यादव के सिपाही के रूप में पहरेदारी करने के लिए सीतामढ़ी जिले में हमेशा से सजग हूं। मैं खुद आपके दरवाजे तक पहुंचकर आपके हर वाजिब और संवैधानिक जायज मांगों को पूरा करने के लिए जी-जान लगा दूंगा।
राजद विधायक ने कहा कि आपलोगों के मान-सम्मान को कभी गिरवी नहीं पड़ने दूंगा। आपने जो हमें वोट के रूप में राजनीतिक ताकत दी है, उसका कर्ज सूद समेत आपका मान-सम्मान बनाए रखकर चुकाऊंगा।
बाजपट्टी विधायक ने यह भी कहा कि लोकतंत्र में जनता ही मालिक है और आपने हमें सेवा के लिए चुना है, आपलोगों की सेवा करना हमारा राजनीतिक धर्म और कर्म है। इससे कभी पीछे नहीं हटूंगा, अपने जीते-जी आपके मान सम्मान को कभी गिरने नहीं दूंगा।
सांसद देवेश चंद्र ठाकुर ने क्या कहा था?
सीतामढ़ी से नवनिर्वाचित जदयू सांसद देवेश चंद्र ठाकुर लोकसभा चुनाव में यादव-मुसलमान से कम वोट मिलने से खफा हैं। उन्होंने कहा कि अब इस समुदाय से उन्हीं लोगों का काम करेंगे ; जिन्होंने उनका समर्थन किया है, वोट किया है। वैसे यादव और मुसलमानों के लिए कोई काम नहीं करेंगे जिन्होंने उन्हें वोट नहीं किया।
उन्होंने यह भी कहा कि हां वोट नहीं करने वाले इस समाज के लोग आते हैं, तब भी उनका स्वागत है। उनके लिए कहना चाहूंगा कि आइए चाय पीजिए, मिठाई खाइए, लेकिन आगे से व्यक्तिगत काम के लिए कोई उम्मीद नहीं कीजिए, क्योंकि आपका काम नहीं करूंगा।