पूर्वी चम्पारण: जिले के कोटवा भोपतपुर थाना क्षेत्र के भोपतपुर दक्षिणी पंचायत में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक खेत में जेसीबी से खुदाई के दौरान एक पुराना कुआँ मिला है। इस खोज ने पूरे क्षेत्र में उत्सुकता पैदा कर दी है और इतिहासकारों के लिए एक नई खोज का द्वार खोल दिया है।
क्या मिला कुएँ में?
कुएँ में पुराने जमाने के मोटे-मोटे ईंट, मोटा सीकड़ और एक लकड़ी का मोटा बीम मिला है। सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि कुएँ के ईंटों पर कई प्रकार की कलाकृतियाँ और अज्ञात भाषा में लिखावट देखी गई है। स्थानीय बुजुर्गों का मानना है कि यह कुआँ सैकड़ों साल पुराना हो सकता है।
ग्रामीणों की उत्सुकता:
इस खबर के फैलते ही आसपास के ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। वे इस बात को लेकर उत्सुक हैं कि इस कुएँ से और क्या-क्या पुराने अवशेष मिल सकते हैं। स्थानीय बुजुर्गों ने बताया कि पुराने सर्वे रिकॉर्ड में इस कुएँ का कोई जिक्र नहीं है।
प्रशासन की कार्रवाई:
इस घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर खुदाई कार्य रोक दिया है। बीडीओ सरीना आजाद और थानाध्यक्ष आरजू सुमैया ने घटनास्थल का निरीक्षण किया है। प्रशासन का मानना है कि इस कुएँ की वैज्ञानिक तरीके से खुदाई कराई जाएगी ताकि इससे मिलने वाले अवशेषों का संरक्षण किया जा सके।
इतिहासकारों के लिए नई खोज:
यह खोज इतिहासकारों के लिए एक नई चुनौती है। वे इस कुएँ से मिले अवशेषों का अध्ययन करके इस क्षेत्र के इतिहास के बारे में नई जानकारियां हासिल करने की उम्मीद कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कुएँ से मिले अवशेष इस क्षेत्र की प्राचीन सभ्यता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दे सकते हैं।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया :
स्थानीय लोग इस खोज को लेकर काफी उत्साहित हैं। वे मानते हैं कि यह उनके गांव के लिए एक गौरव का क्षण है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि इस कुएँ को संरक्षित किया जाए और इसे एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए।
आगे क्या होगा?
अब देखना होगा कि इस कुएँ से और क्या-क्या पुराने अवशेष मिलते हैं। इतिहासकारों और पुरातत्वविदों का मानना है कि यह खोज इस क्षेत्र के इतिहास के बारे में कई रहस्य से पर्दा उठा सकती है।